हिंदू धर्मशास्त्रों को यूं ही महान नहीं माना जाता। धर्मशास्त्र में पहले से ही महामारी फैलने का उल्लेख किया गया। उत्तराखंड विद्वत सभा के अनुसार, शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख है कि नवरात्र से पहले संसार में रोग व महामारी फैलने की आशंका रहती है। क्योंकि इस समय यमराज अपना मुख खोलते हैं। मान्यता है कि नवरात्र में मां भगवती का पूजा पाठ करने से देवी मां मानव के दुख हर लेती है।
उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता एवं ज्योतिषाचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने कहा कि हिंदू शास्त्रों में कहा गया कि साल में दोनों नवरात्र बसंत और शरद के समय यमराज अपना मुख खोलते हैं। उनके मुख खोलने से संसार में रोग, महामारी व निराशा का भाव व्याप्त हो जाता है। इसलिए नवरात्र के समय मां भगवती की पूजा की जाती है और देवी मां से स्वस्थ जीवन प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं।
मान्यता है कि इन नौ दिन पूजा-पाठ करने से देवी मां संसार में फैली महामारी, दुख-तकलीफ को दूर करती हैं। कहा कि हिंदू धर्म सबसे सम्पन्न धर्म हैं। यहां अनेक विपदाओं का पहले से ही उल्लेख किया गया है। कहा कि नवरात्र में पूजा पाठ का राशियों पर भी विशेष प्रभाव पड़ता है। उन्हें आवश्यक उपाय करने चाहिए।
उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता एवं ज्योतिषाचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने कहा कि हिंदू शास्त्रों में कहा गया कि साल में दोनों नवरात्र बसंत और शरद के समय यमराज अपना मुख खोलते हैं। उनके मुख खोलने से संसार में रोग, महामारी व निराशा का भाव व्याप्त हो जाता है। इसलिए नवरात्र के समय मां भगवती की पूजा की जाती है और देवी मां से स्वस्थ जीवन प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं।
मान्यता है कि इन नौ दिन पूजा-पाठ करने से देवी मां संसार में फैली महामारी, दुख-तकलीफ को दूर करती हैं। कहा कि हिंदू धर्म सबसे सम्पन्न धर्म हैं। यहां अनेक विपदाओं का पहले से ही उल्लेख किया गया है। कहा कि नवरात्र में पूजा पाठ का राशियों पर भी विशेष प्रभाव पड़ता है। उन्हें आवश्यक उपाय करने चाहिए।
राशियों पर प्रभाव और उपाय
मेष: आपके लिए यह नवरात्र उत्साहवर्द्धक रहेगा। कुछ चुनौतियां आ सकती है, उसका सामना करें। व्यापार से जुड़े हैं तो धैर्य बनाये रखें।
उपाय: हनुमान भगवान का पूजन करें।
वृष: 25 मार्च से स्वास्थ्य में उतार चढ़ाव रह सकता है।
उपाय: दिव्यांगों की सहायता करें। वस्त्र, पुस्तक, सफेद वस्तु दान करें।
मिथुन: सात अप्रैल तक उत्तम अवसर की प्राप्ति हो सकती है। अप्रैल के अंत में स्वास्थ्य कष्ट हो सकता है। लेकिन, इसके बाद सुख की प्राप्ति होगी।
उपाय: विष्णु सहस्त्र जाप पाठ करें। कुत्ते को खाना खिलाएं।
कर्क: आर्थिक रूप से प्रगति होगी। खान-पान का ध्यान रखें। पति-पत्नी के रिश्ते में मन-मुटाव हो सकता है।
उपाय: आदित्यहृदय स्रोत का पाठ करें। सोमवार या पूर्णिमा का व्रत लें।
सिंह: संतान पक्ष से चिंता रहेगी। विद्यार्थी के लिए कठिन समय, महिलाओं के लिए अच्छा रहेगा।
उपाय: लाल वस्तु का दान, सूर्य अर्घ्य दें। बड़ों का सम्मान व संयम बरतें।
कन्या: स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, बंधुजनों से निराशा, व्यापार में मंदी की स्थिति रहेगी।
उपाय: हरी वस्तु का दान करें। ध्यानतों (बेटी, बुआ, बहन) का सम्मान करें। कन्या पूजन करें।
तुला: विदेश या खास यात्रा पर जाने का योग बनेगा। स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव रहेगा। आर्थिक रूप से भी लाभ होगा।
उपाय: मां दुर्गा की उपासना, दुर्गा चालीसा, ईष्ट के नाम रोट प्रसाद दान करें। गाय, गंगा मां की पूजा करें।
उपाय: हनुमान भगवान का पूजन करें।
वृष: 25 मार्च से स्वास्थ्य में उतार चढ़ाव रह सकता है।
उपाय: दिव्यांगों की सहायता करें। वस्त्र, पुस्तक, सफेद वस्तु दान करें।
मिथुन: सात अप्रैल तक उत्तम अवसर की प्राप्ति हो सकती है। अप्रैल के अंत में स्वास्थ्य कष्ट हो सकता है। लेकिन, इसके बाद सुख की प्राप्ति होगी।
उपाय: विष्णु सहस्त्र जाप पाठ करें। कुत्ते को खाना खिलाएं।
कर्क: आर्थिक रूप से प्रगति होगी। खान-पान का ध्यान रखें। पति-पत्नी के रिश्ते में मन-मुटाव हो सकता है।
उपाय: आदित्यहृदय स्रोत का पाठ करें। सोमवार या पूर्णिमा का व्रत लें।
सिंह: संतान पक्ष से चिंता रहेगी। विद्यार्थी के लिए कठिन समय, महिलाओं के लिए अच्छा रहेगा।
उपाय: लाल वस्तु का दान, सूर्य अर्घ्य दें। बड़ों का सम्मान व संयम बरतें।
कन्या: स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, बंधुजनों से निराशा, व्यापार में मंदी की स्थिति रहेगी।
उपाय: हरी वस्तु का दान करें। ध्यानतों (बेटी, बुआ, बहन) का सम्मान करें। कन्या पूजन करें।
तुला: विदेश या खास यात्रा पर जाने का योग बनेगा। स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव रहेगा। आर्थिक रूप से भी लाभ होगा।
उपाय: मां दुर्गा की उपासना, दुर्गा चालीसा, ईष्ट के नाम रोट प्रसाद दान करें। गाय, गंगा मां की पूजा करें।